इंडियन बाज़ न्यूज़……. बस्तर
अनिल सेठिया
छापरभानपुरी के पास्टर संपत मडावी ने की अपने मुल धर्म में घर वापसी विगत कुछ वर्षों पहले किसी के बहकावे व लोभ लुभावने चंगाई के बाहने में आकर ईसाई धर्म अपना लिया था और उनका अनुयाई करता रहा फिर कुछ वर्षों बाद उन्हें पास्टर की जिम्मेदारी दी गई और वह भी लोगों को ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करता रहा और जब से समाज प्रमुखों से बातचीत होने लगी तो समझ आया कि मैंने विदेश धर्म संस्कृति को बढ़ावा दे रहा हूँ, जो हमारे मुल धर्म से कोषों दूर है जिनकी संस्कृति हमारे आदिवासी समुदाय के संस्कृति से एक भी अंश मेल नहीं खाती और समाज के बुध्दिजीवीयों ने हमारे आदिवासी समाज के हर एक रितिनिति को गंभीरता से समझाया जिससे मैने फैसला ले लिया कि मुझे मेरी मुल धर्म ही बचा सकती है इसलिए मैं पास्टर के दायित्व को छोड़कर अपने मुल धर्म में अपने परिवार के साथ वापस आ गया, और सभी धर्मान्तरण किए हुए लोगों से अपील करता हूँ कि जिन जिन लोगों ने भी धर्मान्तरण किए हैं सभी अपने मुल धर्म में वापस आ जाए, समाज प्रमुखों की बातें बहुत ही सराहनीय और अच्छी रहीं इस अवसर पर उपस्थित रहे मुना कश्यप, जीवनाथ मौर्य, संतोष जैन, लल्लू कश्यप, हेमचंद सोम, गणपति सोम, बोंजा सिरहा, और समाज के बुध्दिजीवीयों समाज प्रमुख की उपस्थिति में संपन्न हुआ,
छापरभानपुरी के पास्टर ने की अपने मुल धर्म में घरवापसी और सभी धर्मान्तरण किए हुए लोगों से की अपील वह भी घर वापसी कर ले,
छापरभानपुरी के पास्टर संपत मडावी ने की अपने मुल धर्म में घर वापसी विगत कुछ वर्षों पहले किसी के बहकावे व लोभ लुभावने चंगाई के बाहने में आकर ईसाई धर्म अपना लिया था और उनका अनुयाई करता रहा फिर कुछ वर्षों बाद उन्हें पास्टर की जिम्मेदारी दी गई और वह भी लोगों को ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करता रहा और जब से समाज प्रमुखों से बातचीत होने लगी तो समझ आया कि मैंने विदेश धर्म संस्कृति को बढ़ावा दे रहा हूँ, जो हमारे मुल धर्म से कोषों दूर है जिनकी संस्कृति हमारे आदिवासी समुदाय के संस्कृति से एक भी अंश मेल नहीं खाती और समाज के बुध्दिजीवीयों ने हमारे आदिवासी समाज के हर एक रितिनिति को गंभीरता से समझाया जिससे मैने फैसला ले लिया कि मुझे मेरी मुल धर्म ही बचा सकती है इसलिए मैं पास्टर के दायित्व को छोड़कर अपने मुल धर्म में अपने परिवार के साथ वापस आ गया, और सभी धर्मान्तरण किए हुए लोगों से अपील करता हूँ कि जिन जिन लोगों ने भी धर्मान्तरण किए हैं सभी अपने मुल धर्म में वापस आ जाए, समाज प्रमुखों की बातें बहुत ही सराहनीय और अच्छी रहीं इस अवसर पर उपस्थित रहे मुना कश्यप, जीवनाथ मौर्य, संतोष जैन, लल्लू कश्यप, हेमचंद सोम, गणपति सोम, बोंजा सिरहा, और समाज के बुध्दिजीवीयों समाज प्रमुख की उपस्थिति में संपन्न हुआ,