इंडियन बाज़ न्यूज़…… अनिल सेठिया
बस्तर जिला शिक्षा के क्षेत्र में धीरे-धीरे आगे बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण बच्चों में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जब जब विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन मिला है उन्होंने हमेशा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर इसे साबित भी किया है। इसी बात को ध्यान में रखकर शासन की मंशा के अनुरूप स्कूलों में सफल व्यक्तित्व एवं शिक्षाविदों को भी आमंत्रित करने का शासन की मंशा है। इसी बात को ध्यान में रखकर बैगलेस डे शनिवार को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय तोकापाल ने इसी कड़ी में तोकापाल एसडीएम सुब्रत प्रधान जी को आमंत्रित किया था। उन्होंने कक्षा नवमी से 12वीं तक के लगभग 100 विद्यार्थियों को इस विषय पर संबोधित किया।
चर्चा का प्रमुख बिंदु भविष्य की तैयारी के संदर्भ में था किस प्रकार UPSC या CG PSC की तैयारी की जा सकती है। इन प्रतियोगी परीक्षाओं का स्तर क्या होता है,? कैसे और कब इसकी तैयारी प्रारंभ करनी चाहिए ?इस पर उन्होंने विस्तार से बातें रखी। जिसे उपस्थित विद्यार्थियों और शिक्षकों ने बड़े ध्यान से सुना। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सभी विषय वे चाहे गणित, विज्ञान ,वाणिज्य , कला कुछ भी हो सभी का महत्व है। आप कोई भी विषय से स्नातक हो सकते हैं। स्नातक होने के बाद आप कैसे कलेक्टर ,डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार या अन्य राजपत्रित पद प्राप्त करने के लिए आपको क्या करना चाहिए ?
आपको अपने मनपसंद के विषय को चयन करना चाहिए उसी में आपको आगे बढ़ना चाहिए। सभी विषयों का बेसिक ज्ञान भी आप प्राप्त करें। पढ़ाई के साथ-साथ आप अपनी हॉबी को पहचानिए और अपनी हॉबी के लिए भी थोड़ा समय निकालिए। आपको समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। ग्रेजुएट होने के बाद तैयारी करने से बेहतर है आपकी तैयारी अभी से प्रारंभ हो जाए।
एक विद्यार्थी पृथ्वी नाग के प्रश्न टाइम मैनेजमेंट कैसे करें के जवाब में उन्होंने बताया कि आप चाहे तो 24 घंटा को 25 घंटा में बदल सकते हैं। इसके लिए आपको अपने सोने, खाने, मनोरंजन आदि जो भी दैनिक दिनचर्या के कार्य हैं उससे संभव होगा तो 10 मिनट 15 मिनट तक बचा सकते हैं। इस प्रकार आप चाहे तो एक घंटा पढ़ने के लिए अतिरिक्त निकाल सकते हैं इस प्रकार आपका 24 घंटा 25 घंटा में बदल जाएगा। बस आपकी सोच सकारात्मक होनी चाहिए।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि जब मैं तैयारी कर रहा था तब रास्ते पर पड़ने वाले शासकीय होल्डिंग्स को पढ़ा करता था इसमें सरकार की उपलब्धियां उल्लिखित होती थी। यह चलते-चलते मुझे याद हो जाता था। यह प्रश्न भी परीक्षा में पूछे जाते हैं।
डेढ़ घंटे चले इस परिचर्चा में विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक भी सम्मिलित थे।
संस्था के प्राचार्य विधु शेखर झा ने बताया कि हमारा प्रयास हमेशा अपने विद्यार्थियों के लिए होता है ।हमारे विद्यार्थी किस तरीके से शिक्षा के क्षेत्र में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। स्कूल का वातावरण अच्छा हो, स्कूल खुलने की घंटी का सभी को इंतजार रहे स्कूल बंद होने की घंटी तक विद्यार्थी आनंदपूर्वक पढ़ाई करें ,अपने व्यक्तित्व को संवारे, आगे बढ़े।
इस चर्चा के पश्चात विद्यार्थियों के साथ सुब्रत प्रधान जी ने मध्याह्न भोजन भी ग्रहण किया। भोजन की गुणवत्ता एवं खिलाने के तौर तरीके की उन्होंने सराहना की। स्कूल में ड्राइंग पेंटिंग कला के बारे में भी उन्होंने जाना।
चर्चा परिचर्चा के प्रभारी के रूप में व्याख्याता अर्पणा सिंह थीं। इसमें राजीव सिंह ,स्वाति लवंग ,नीलम भास्कर ,सरिता यादव ,रुपिंदर कौर, मानसी बघेल ,श्रीदेवी सिंह, सोनाक्षी मजूमदार ,स्नेहा श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
नीता शुक्ला के नेतृत्व में मध्याह्न भोजन एवं आर्ट की जिम्मेदारी थी। लता जोशी के नेतृत्व में कला एवं चित्रकारी का कार्य किया गया था। इसमें सक्रिय रूप से काजल यादव, अर्पणा मिगलानी, प्रीति साइमन,तनय घोष, मोहनीश पांडे, इंद्र राज सिंह, ज्योत्सना कश्यप,रूमा निकहत, पंकज मूर्ति, महेश सोनी, जयदेव कश्यप एवं लेसिना देवांगन की सक्रिय भूमिका थी।
संस्था की उप प्राचार्य ईरम रहीम ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं संपूर्ण कार्यक्रम के प्रभारी के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने विषय विशेषज्ञ एवं शिक्षाविद के रूप में पधारे एसडीएम तोकापाल सुब्रत प्रधान जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से हमारे विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ा है मार्गदर्शन अच्छे से प्राप्त हुआ है। भविष्य में हम ऐसे कार्यक्रम और भी करते रहेंगे।